मृत गाय को जीवित करना चमत्कार न. २




बाबा मस्तनाथ जी कि समाधी 
जहाँ आने से होती है हर मनोकामना पूरी
 मृत गाय को जीवित करना चमत्कार न. २ 
एक बार सिद्ध शिरोमणि बाबा मस्तनाथ जी वन मैं तपश्या कर रहे  थे उसी वन मैं एक गरीब जाट गाय चराया करता था |
उसी गरीब किसान के पास मात्र  एक ही गाय थी उसी के दूध दे उस किशन के बच्चे पलते थे |संयोग ऐसा हुआ की एक दिन वेह किसान नित्य ही की भांति अपनी गाय चराने जंगल मैं गया हुआ था की उसकी गाय ने घास चरना बंद कर दिया और वह निष्प्राण हो गई |
 गाय को मरी हुई देखर किसान बहुत परेशान हुआ उस बेचारे के पास न ही कोई दूसरी गाय थी और न ही कोई अन्य पशु और न ही उसकी आर्थिक ऐसी थी की वह अन्य कोई दुधारू पशु खरीदता | ऐसी अवस्था मैं गो सेवक जाट बहुत दुखी हो गया |
गो भक्त किसान को याद आया की समीपस्थ वन स्थली मैं सिद्ध बाबा मस्तनाथ जी तपस्या लीं हैं |
उसने सोचा की उनके चरणों मैं विनय करने पर संभव है की वे मृत गाय को जीवत कर दें क्योंकि उन्होंने अनेक दुखी जनों के कष्ट हरण किये है |
अपंगी कबडी का कूबड़ हटा कर उसकी निर्मल और निरोग काया बना उसे पांव दान देना , अंधे ब्रम्म्हन को  नेत्र ज्योति देना , सूखे वृक्ष को हरा कर देना , यह सब कम जो सिद्ध कर सकते है उनके लिय यह क्या कठिन है की वेह मृत गाय को जीवन  प्रदान  कर उसके संकट दूर कर दें | इस प्रकार चिंतन करता हुआ निर्धन किसान सिद्ध बाबा  मस्तनाथ जी के तप स्थान की ओर चल पड़ा |
बाबा मस्तनाथ जी के तप: स्थल पर पहुचते ही निर्धन किस्सान उनके चरणों मैं गिर पड़ा | उसने रोते - रोते विनय की कि उसकी गाय घास चरते हुए अचानक इशी जंगल मैं मर गई है , उसके बालकों को उस गाय के बिना दूध नहीं मिल पायेगा क्योकि उनके पास धन नहीं है कि वे  दूसरी गाय खरीद सकें |
उसने बाबा के चरणों मई विनय कि कि वह मरी हुई गाय को जीवत करने कि किरपा करें |
बाबा मस्तनाथ जी को निर्धन किस्सान पर दया आ गई उन्होंने अपनी धूनी से विभूति कि एक मुट्ठी उठा कर गाय कि ओर फेंकते हुए कहा कि वह अपनी गाय के पास जाए वह उसे जीवत मिलेगी ठीक वही हुआ |
बाबा मस्तनाथ के चरणों पर दृढ आस्था रखने वाला वह किस्सान ज्यों ही अपनी मृत गाय के पास पहुंचा तो उसे देखकर बहुत अस्चर्या हुआ कि वह गाय वहां वह गाय खड़ी खड़ी घास चररही है इस प्रकार बाबा मस्तनाथ जी कि किरपा से निर्धन किसान के संकट कट चुके थे |
सिद्ध बाबा मस्तनाथ जी कि किरपा का विवरण लोगों ने सुना तो उन्हें बहुत आनंद हुआ और वे सिद्ध बाबा मस्तनाथ जीकी जय जय कार करने लगे |
जो मनुष्य बाबा मस्तनाथ जी मैं गहरी आस्था रखता है उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है और उसके सब संकट कट जाते है 
बोलो सिद्ध सिरोमणि बाबा मस्तनाथ जी महाराज कि जय


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